Wednesday, December 22, 2010

ये इश्क नहीं आसां एक आग का दरिया है Yeh Ishq Nahi Aasan Aik Aag Ka Dariya Hai

वो  बोले 

ये  इश्क  नहीं  आसां , इतना  तो  समझ  लीजिये
एक  आग  का  दरिया  है , और  डूब  के  जाना  है

मैंने  कहा

 मासूम  सी  मोहब्बत  का  बस  इतना  सा   फ़साना  है
कागज  की  हवेली  है , बारिश  का  ज़माना  है

क्या  शर्त -ए -मोहब्बत  है , क्या  शर्त -ए -ज़माना  है 
आवाज़  भी  जख्मी  है  और  वो  गीत  भी  गाना  है

उस 
पार  उतरने  की  उम्मीद  बहुत  कम  है
कश्ती  भी  पुरानी  है , तूफ़ान  भी  आना  है

समझे  या  न  समझे  वो  अंदाज़ -ए -मोहब्बत  का
भीगी  हुई  आँखों  से  एक  शेर  सुनाना  है

भोली  सी  अदा , कोई  फिर  इश्क  की  जिद  पर  है
फिर  आग  का  दरिया  है  और  डूब  ही  जाना  है 

Friday, December 3, 2010

हमारी हर कहानी में तुम्हार नाम आता है Hamaari Har Kahaani Mein Tumhara Naam Aataa Hai

हमारी हर कहानी में तुम्हार नाम आता है
ये कैसे सबको समझाएं कि तुमसे कैसा नाता है

न जाने चाँद पूनम का ये क्या जादू चलाता है
कि पागल हो रहीं लहरें समंदर कशमकाता है
जरा सी परवरिश भी चाहिए हर एक रिशते को
अगर सींचा नहीं जाए तो पौधा सूख जाता है

हमारी हर कहानी में तुम्हार नाम आता है
ये कैसे सबको समझाएं कि तुमसे कैसा नाता है

ये मेरे और गम के बीच में किस्सा है वर्षों से
में उसको आजमाता हूँ वो मुझको आजमाता है
जिसे चींटी से लेकर चाँद , सूरज सभी सिखाया था
वही बेटा बड़ाहोकर सबक मुझको पढाता है
नहीं है बेई मानी गर ये बादल की तो फिर क्या है
मरूस्थल छोड़कर जाने कहाँ पानी गिरता है     

हमारी हर कहानी में तुम्हार नाम आता है
ये कैसे सबको समझाएं कि तुमसे कैसा नाता है

ख़ुदा का खेल ये अबतक नहीं समझे के वो हमको
बना कर क्यों मिटाता है , मिटा कर क्यों बनाता है
वो बर्षों बाद आकर कह गया फिर जल्दी आने को
पता माँ बाप को भी है वो कितनी जल्दी आता है

हमारी हर कहानी में तुम्हार नाम आता है
ये कैसे सबको समझाएं कि तुमसे कैसा नाता है